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UPHESC Assistant Professor Syllabus 2025 – Overview
Origination Name | Uttar Pradesh Higher Education Services Commission (UPHESC) |
Name of Post | Assistant Professor |
No. of Vacancy | 981 |
Selection Process | Written Exam |
Category | Syllabus & Exam Pattern |
Location | Uttar Pradesh |
Official Site | uphesconline.org |
UPHESC Assistant Professor (Hindi) Syllabus 2025
General Knowledge :
Unit-1 : Current Affairs :
1. Major events & Current Affairs : National/International
2. Personalities in News
3. Sports News
4. Current Research in the field of Science.
Unit-2 : Teaching and Research Aptitude :
1. Teaching : Nature, Objectives, Need, Methods Evaluation and Factor Affecting Teaching
2. Research : Meaning and Methods
3. Data : Source, Collection and Analysis
4. Role of UGC in Qualitative Development in Higher Education.
Unit-3 : Information and Communication Technology (ICT) :
1. ICT : Meaning, Advantages and Disadvantages
2. Basics of Internet & E-mailing
3. General Abbreviation and Terminology.
Unit-4 : People and Environment :
1. People & Environment Interaction
2. Environmental Depredation : cause & Solution
3. National and International affairs for better Environment
4. Environmental Control.
Unit-5 : Indian History and Geography :
1. Salient Features of Indian Culture
2. Indian National Movement (1857-1950)
3. Origin of Universe and Solar System
4. Indian Geography (General).
Unit-6 : Indian Constitution and Economy :
1. Preamble, Fundamental Rights and Directive Principles
2. Indian political system : Legislative Executive and Judiciary
3. Election Commission and Public Service Commission
4. Population, Poverty, Unemployment; Planning and Development; Income Tax
5. Agriculture, Industry, Trade; Money, Currency, Banking and Capital Market.
Concerned Subject :-
General Hindi :
1. हिंदी भाषा का इतिहास:
हिंदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :-
● प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएँ, मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएँ और उनके अंतरसंबंध, अपभ्रंश, अवहट्ट (पुरानी हिंदी) का संबंध, आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ और उनका वर्गीकरण, हिंदी का भौगोलिक विस्तार, आरंभिक हिंदी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त रूप, हिंदी की उपभाषाएँ और बोलियाँ – वर्गीकरण तथा क्षेत्र, प्रारंभिक हिंदी के विविध रूप- हिंदी, उर्दू, हिंदुस्तानी, दखिनी हिंदी, काव्यभाषा के रूप में अवधी का उदय और विकास, काव्यभाषा के रूप में ब्रजभाषा का उदय और विकास, साहित्यिक हिंदी के रूप में खड़ी बोली हिंदी का उदय और विकास
● मानक हिंदी का भाषावैज्ञानिक विवरण (रुपगत) हिंदी की स्वनिम व्यवस्था, हिंदी ध्वनियों के वर्गीकरण का आधार, हिंदी शब्द रचना उपसर्ग, प्रत्यय, हिंदी की रूप रचना लिंग, वचन, कारक व्यवस्था के संदर्भ में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया रूप, हिंदी वाक्य रचना
● हिंदी भाषा प्रयोग के विविध रूप बोली, मानकआषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा, संपर्क भाषा, संचार भाषा
● प्रयोजनमूलक हिन्दी की संवैधानिक स्थिति और भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास
2. नागरी लिपि का इतिहास विकास :
● नागरी लिपि का उद्भव और विकास,
● नागरी लिपि की विशेषताएं एवं मानकीकरण,
● कंप्यूटर और देवनागरी लिपि से संबंधित सुविधाएँ एवं सॉफ्टवेयर
● यूनिकोड
3. हिन्दी विस्तारीकरण के वैयक्तिक एवं संस्थागत प्रयास :
● स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का विकास,
● हिंदी प्रसार के आंदोलन, प्रमुख व्यक्तियों एवं संस्थाओं का योगदान,
● हिंदी से संबंधित सरकारी संस्थाएँ एवं विभाग,
● सम्मान
● पुरस्कार
● पत्र पत्रिकाएँ
● हिंदी के जनमाध्यम
● हिंदी पोर्टल एवं वेबपटल
4. हिंदी साहित्य का इतिहास:
● साहित्य का इतिहास दर्शन, हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की पद्धतियाँ, हिंदी साहित्य के प्रमुख इतिहास ग्रंथ एवं उनकी विशेषताएँ, हिंदी साहित्य इतिहास का काल विभाजन और नामकरण,
● आदिकाल :- आदिकालीन साहित्य की सामाजिक-सांस्कृतिक धार्मिक पृष्ठभूमि, धार्मिक साहित्य सिद्ध, जैन, नाथ साहित्य, लौकिक साहित्य- रासो काव्यधारा, श्रृंगारिक काव्यधारा, अमीर खुसरो की कविता
● भक्ति काल :- भक्ति आंदोलन की पृष्ठभूमि और उसके उदय के सामाजिक-सांस्कृतिक कारण विविध दृष्टि, भक्ति आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरूप और उसका अंतःप्रादेशिक वैशिष्ट्य, भक्तिकाव्य के प्रमुख दार्शनिक सिद्धांत विशिष्टाद्वैत, शुद्धाद्वैत, वैताद्वैत, द्वैत मत, भक्ति काव्य के भेद. हिंदी संत काव्य परंपरा और उसका वैचारिक आधार, संत काव्य में सामाजिक समरसता, हिंदी की सूफी काव्य परंपरा, हिन्दी के असूफी पेमाख्यान
● रीतिकाल : – रीतिकाल की सामाजिक सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, रीतिकालीन साहित्य की प्रमुख प्रवृतियों, रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त काव्य, रीति काव्य के प्रमुख सोत, रीतिकालीन कवियों का आचार्यत्व, रीतिकाल के प्रमुख कवि और उनका काव्य, रीति काव्य में लोकजीवन, रीतिकाव्य का अस्मितामूलक विमर्श
● आधुनिक काल :-
● हिंदी गद्य का उद्भव और विकास, भारतेंदु पूर्व हिंदी गद्य, आरतेंदुकालीन हिंदी गद्य, भारतेंदु और उनका मंडल, भारतेंदु मंडल के बाहर के लेखक, पारसी थियेटर और हिंदी रंगमंच, हिंदी पत्रकारिता का आरंभ और । वीं शताब्दी की हिंदी पत्रकारिता
● दविवेदी मुगः महावीर प्रसाद दविवेदी और उनका युग, हिंदी नवजागरण और सरस्वती, राष्ट्रीय काव्यधारा के प्रमुख कवि, स्वच्छंदतावाद और उसके प्रमुख करि, विवेदीयुगीन हिंदी पत्रकारिता, दविवेदीयुगीन हिंदी गट्य का वैशिष्ट्म
● छायावाद छायावाद की सास्कृतिक सामाजिक दार्शनिक पृष्ठभूमि, प्रयावाद का आरंभ, प्रयावाद के विषय में विभिन्न मंत, छायावाद की प्रमुख विशेषताएँ, अयावाद के प्रमुख कवि,
● प्रयोगवाद और नई कविताः प्रमुख कवि
● समकालीन कविता
5. हिंदी साहित्य की गद्य विधाएँ :
● हिंदी उपन्यास : उपन्यास की अवधारणा, प्रेमचंद पूर्व उपन्यास, प्रेमचंद और उनका युग, प्रेमचंद के परवर्ती उपन्यासकार, स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास
● हिंदी कहानी: हिंदी कहानी का उद्भव और विकास, हिंदी कहानी के प्रमुख आंदोलन, कहानी और नई कहानी, हिंदी कहानी की प्रमुख प्रवृत्तियां,
● हिंदी नाटक: हिंदी नाटक और रंगमंच, भारतीय नाट्य परंपरा और नाट्यशास्त्र का संक्षिप्त परिचय, हिंदी नाटक के विकास के चरण, भारतेंदु युग पूर्व के नाटक, भारतेंदु युग के नाटक, प्रसाद युग और प्रसादोतर युग के नाटक, स्वातंत्र्योतर युग के नाटक, हिंदी एकांकी, हिंदी के प्रमुख एकांकीकार
● हिंदी निबंध : हिन्दी निबंध का विकास, हिंदी निबंध की मूलभूत विशेषताएँ, हिन्दी निबंध के प्रमुख भेद, हिन्दी के प्रमुख निबंधकार,
● हिंदी आलोचना : हिंदी आलोचना का उद्भव और विकास, हिंदी के प्रमुख आलोचक और आलोचनात्मक स्थापनाएं
● हिंदी की कथेतर गद्य विधाएँ : संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, आत्मकथा, रेडियो एकांकी, डायरी, रिपोतोज, साक्षात्कार, यात्रा साहित्य, पत्र साहित्य, ब्लॉग लेखन (चिट्ठाकारिता)
6. साहित्यशास्त्र और आलोचना:
काव्यशास्त्र:-
● काव्य के लक्षण, काव्य प्रयोजन, काव्यहेतु, काव्य दोष, काव्य गुण, काव्य के रूप,
● काव्य के प्रमुख संपदाय एवं सिद्धांत रस, अलंकार, रीति,
● ध्वनि, वक्रोक्ति, औचित्य
● रस निष्पति, साधारणीकरण, भरतमुनि का रस सूत्र और उसके प्रमुख व्याख्याकार, रस के अवयव, भेद शब्द शक्तियों
● अलंकार अनुप्रास, रामक, जोक्ति, श्लेष, उपमा, रूपक, उत्पेक्षा, संदेह, भांतिमान, अतिशयोक्ति,
● अन्योक्ति, समासोक्ति, अत्युक्ति, विशेषोक्ति, विभावना, प्रतीप, व्यतिरेक, अर्थातरन्यास, असंगति, विरोधाभास, तद्गुण, अतद्गुण, मीलित, उन्मीलित, अपन्हुति
● प्लेटो के काव्य सिद्धांत
● अरस्तु की काव्य विषयक मान्यताएँ, त्रासदी के तत्व, अनुकरण सिद्धांत, विरेचन का सिद्धांत, त्रासदी और महाकाव्य में अंतर,
● होरेसः काव्य विषयक मान्यताएं
● लीजाइनसः काव्य में उदात तत्व
● शास्त्रीयतावाद और स्वच्छंदतावाद
● क्रोचे का अभिव्यंजनावाद
● आई. ए. रिचईस और टी. एस. इलियट के काव्य सिद्धांत
● नई समीक्षा
7. हिंदी आलोचना के पारिभाषिक शब्द और कतिपय अवधारणाएँ :
● काव्यभाषा, बिंद, मिथक, कल्पना, कैलेसी, निजंधरी कथा, कविसमय, काव्यरूढ़ि
● प्रतिभा, व्युत्पति, अभ्यास, अनुभूति अप्रस्तुत योजना, संकेतग्रह, बिम्बग्रहण, आनंद की साधनावस्था और सिद्धावस्था, शौलदशा, भावदशा, लोकमंगल, प्रत्यक्ष रूपविधान, स्मृत रूपविधान, कल्पित रूपविधान, भाव एवं मनोविकार, जानात्मक संवेदना और संवेदनात्मक जान, लाक्षणिक मूर्तिमता, उपचार वक्रता, आदर्शोन्मुख यथार्थ, विरुद्धों का सामंजस्य, लघु मानव, मानोमयकोश, आलंबनत्व धर्म, अनुभूति, कल्पना, घेतना प्रवाह, रूप, कथ्य, सहृदय,
● विडंबना (आयरोनी), अजनबीपन (एलियनेशन), विसंगति (एब्सर्ड), अंतर्विरोध (पैराडॉक्स), संत्रास, विरोधाभास, विपधन
● उत्तरआधुनिकता, माक्र्सवाद, मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद, यथार्थवाद, आदर्शवाद, अतियथार्थवाद, मानववाद, प्रभाववाद, आधुनिकतावाद, संरचनावाद, रूपवाद, अस्मितामूलक विमर्श (दलित, स्त्री, आदिवासी, थर्ड जैडर।
● पुनर्जागरण, गांधीवाद, अंबेडकर दर्शन, लोहिया दर्शन, एकात्म मानववाद, सांस्कृतिक आलोचना
● हिंदी के प्रमुख आलोचक और उनकी आलोचनात्मक स्थापनाएँ
प्रमुख रचनाकार और रचनाएँ
8. हिंदी काव्य:
भीरखवाणी, संपादक- पीताबर दत बवाल पद संख्या-1.6.7.9, 11, 12, 14, 15, 17, 28, 30, 32, 33, 36, 46, 51, 52, 54, 55, 57, 68, 69, 119, 123, 153
विद्यापति : विद्यापति पदावली, संपादक रामफेर त्रिपाठी, पद संख्या 1, 2, 4, 6, 9, 10, 15, 20, 23, 33. 34, 36, 231, 239, 241, 251, 252, 254, 271, 274
कबीर: कबीर वाणी पीयूष, संपादक जयदेव सिंह, वासुदेव सिंह, सुमिरन को अंग, विरह को अंग, परचा को अंग, सहज को अंग, पद- 2, 3, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14
जायसी : जायसी ग्रंथावली, संपादक रामचंद्र शुक्ल, नख-शिख खंड और नागमती वियोग खंड
सूरदास : भ्रमरगीत सार, संपादक रामचंद्र शुक्ल, पद संख्या 21 से 70 तक
तुलसीदास : रामचरितमानस उत्तरकांड, गीता प्रेस, गोरखपुर
मीराबाई : संपादक विश्वनाथ त्रिपाठी- आरंभ के 20 पद
रहीम : रहीम रचनावली, संपादक सत्या यश मिश्र, दोहावली- 4, 13, 14, 16, 22, 23, 25, 27, 30, 31, 32, 35, 37, 40, 43, 44, 51, 63, 67, 72, 74, 75, 77, 89, 119, 124, 158, 168, 175, 209, 214, 219, 224, 225, 232, 239, 242, 243, 289, 290 (40 दोहे)
केशव : केशवदास – केशव कौमुदी, भाग 1, टीकाकार – लाला भगवान दीन,
पांचों प्रकाश – छंद संख्या 10, 13, 14, 16, 17, 19, 22, 24, 31, 36, 38, 42, ग्यारहवों प्रकाश 17, 18, 26,
तेरहवाँ प्रकाश – 22, 53, 85, सोलहवाँ प्रकाश 4, 6, 7, 11, 12, 13, 24
बिहारी : बिहारी, संपादक विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, दोहा संख्या- 5, 8, 11, 21, 29, 33, 34, 37, 41, 43, 55, 84, 96, 111, 134, 163, 182, 185, 199, 213, 215, 224, 235, 347, 263, 265, 326, 358, 367, 390, 403, 409, 436, 437, 440, 467, 525, 534, 539, 558 (40 दोहे)
भूषण : भूषण ग्रंथावली, संपादक विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, पद संख्या 50, 53, 55, 61, 62, 76, 78, 83, 92, 100, 274, 182, 195, 213, 231, 233, 323, 415, 420, 421 (20 छंद)
रसखानः रसखान रचनावली (सं० विद्यानिवास मिश्र, सत्यदेव मिश्र) सुजान रसखान सवैया 1,2,3.5. 8, 12, 13, 18, 21, 27, 31, 32, 37, 41, 51, 53, 55, 56, 61, 63
धनानंद: घनानंद कवित्त (सं० विश्वनाथ प्र० मिश्र), कवित सं० 1 से 30 तक
मैथिलीशरण गुप्त : साकेत, नवम् सर्ग
जयशंकर प्रसाद: कामायनी आशा, श्रद्धा, लज्जा सर्ग
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला: राम की शक्ति पूजा, जागो फिर एक बारर भाग 2), भारती जय विजय करें, वर दे वीणा वादिनी वर दे
सुमित्रानंदन पंतः प्रथम रश्मि, नौका विहार, संध्या, एक तारा, भारत माता, दुत झरो जगत के जीर्ण पत्र
महादेवी वर्मा : दीपशिखा (दीप मेरे जल अकम्पित, पंथ रहने दो अपरिचित, मैं न यह पथ जानती थी, सब आँखों के आँसू उजले, सब के सपनों में सत्य पला), सांध्य गीत (मैं भीर भरी दुख की बदली, दीप तेरा दामिनी, देव अब वरदान कैसा) सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय’ असाध्य वीणा, नदी के द्वीप
गजानन माधव मुक्तिबोध: अंधेरे में
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ : रेणुका (हिमालय), सामधेनी (आग की भीख, दिल्ली और मास्को, जयप्रकाश, राही और बाँसुरी, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है, कलम आज उनकी जय बोल)
नागार्जुन: हजार हजार बाँहों वाली, अकाल और उसके बाद, गुलाबी चूड़ियों, बादल को घिरते देखा है, कालिदास
शमशेर बहादुर सिंह: भारत की आरती, एक पीली शाम, शाम होने को हुई, निराला के पति, एक नीला आइना बेठोस, दूब
केदारनाथ अग्रवाल: मेरी धरती और में, प्यासी धरती की पुकार, सुनता है बादल, जागरण की कामना, निराला के पति, माँझी न बजाओ बंशी, किसान से
भवानी प्रसाद मिष: गीत कोश, सतपुडा के जंगल
सुदामा पाण्डे धूमिल: मोचीराम, जनतंत्र के सूर्योदय में सच्ची बात
9. कथा साहित्य:
हिंदी उपन्यास:
प्रेमचंद गोदान
चतुरसेन शास्त्री वयम रक्षाम
वृंदावनलाल कभी विराटा की पदमनी
हजारी प्रसाद इविवेदी पुननेवा
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अजेय नदी के ट्वीप
फणीश्वरनाथ रेणु मैला आंचल
भगवती चरण वर्मा – भूले बिसरे चित्र
शिव प्रसाद सिंह – नीला चाँद
अमृतलाल नागर – मानस का हंस
यशपाल – झूठा सच
श्रीलाल शुक्ल – राग दरबारी
भीष्म साहनीः वसंती
मन्नू भंडारी – आपका बंटी
कहानी :
प्रेमचंद – दुनिया का अनमोल रतन, कफन
राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह कानों में कंगना
विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ – ताई
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी – उसने कहा था
जयशंकर प्रसाद आकाशदीप
जैनेन्द्र – पत्नी
फणीश्वर नाथ ‘रेणु लाल पान की बेगम, रसप्रिया
सच्चिदानन्द वात्स्यायन अजेय रोज, शरणदाता
भीष्म साहनी चीफ की दावत
उषा प्रियंवदा- वापसी
निर्मल वर्मा – परिंदे
कमलेश्वर – दिल्ली में एक मौत
राजेन्द्र यादव- जहाँ लक्ष्मी कैद है
मोहन राकेश – मलबे का मालिक
हिंदी नाटक :
भारतेंदु हरिश्चंद्र – अंधेरी नगरी
जयशंकर प्रसाद – चंद्रगुप्त
धर्मवीर भारती – अंधा युग
लक्ष्मीनारायण लाल – सिंदूर की होली
मोहन राकेश आषाढ़ का एक दिन
उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ अंजो दीदी
10. कथेतर गद्य विधाएँ :
हिंदी निबंध :
भारतेंदु हरिश्चंद्र – भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है, वैष्णवता और भारतवर्ष
प्रताप नारायण मिश्र- आप, धोखा
बालकृष्ण भट्ट – साहित्य जन समूह के हृदय का विकास है
बालमुकुंद गुप्त – शिव शंभू के चिट्ठ
चंद्रधर शर्मा गुलेरी – धर्म और समाज
महावीर प्रसाद दविवेदी – कवि कर्तव्य
सरदार पूर्ण सिंह – आचरण की सभ्यता
रामचन्द्र शुक्ल – श्रद्धा और भक्ति
हजारी प्रसाद द्विवेदी- नाखून क्यों बढ़ते हैं
कुबेरनाथ राय- महाकवि की तर्जनी
विद्यानिवास मिश्र – अस्ति की पुकार हिमालय
हरिशंकर परसाई – विकलांग श्रद्धा का दौर
आलोचना: प्रमुख आलोचक – रामचंद्र शुक्ल, नंददुलारे वाजपेयी, डॉ० नगेंद्र, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा, विजयदेव नारायण साही, रामस्वरूप चतुर्वेदी, नामवर सिंह की प्रमुख स्थापनाएँ
आत्मकथा: – पांडेय बेचन शर्मा ‘उस अपनी खबर
जीवनी: – विष्णु प्रभाकर – आवारा मसीहा
संस्मरण : – विष्णुकान्त शास्त्री – सुधियों उस चन्दन के वन की
यात्रा साहित्य : – निर्मल वर्मा चीड़ों पर चांदनी
रेखाचित्र: – महादेवी वर्मा मेरा परिवार
रिपोतार्ज : – फणीश्वर नाथ रेणु ऋणजल धनजल
डायरी: – रमेशचन्द्र शाह अकेला मेला
साक्षात्कार : – बनारसीदास चतुर्वेदी प्रेमचंद के साथ दो दिन
पत्र साहि: – जानकी वल्लभ शास्त्री निराला के पत्र
अमृत राय – चिट्ठी पत्री
UPHESC Assistant Professor (Hindi) Exam Pattern 2025
Duration : 120 Minutes
S.No | Subject | No.of Question | Marks |
1 | General Knowledge | 30 | 60 |
2 | Optional Subject (Hindi) | 70 | 140 |
Total | 100 | 200 |